When Is Holi In 2018 ?
तो दोस्तो अब इंटरनेट पर काफी लोगो ने यह सवाल सर्च किया है क्योंकि हमारे देश में सभी त्योहारों को खुशियों से मनाया जाता है लोग इन त्योहारों का व्याकुलता से इंतजार करते है। मित्रों, 2018 में होली वीरवार 1 मार्च और शुक्रवार 2 मार्च को है। होली मुबारक!
दोस्तो हम लोग त्योहार तो हर साल मनाते है मगर कभी थोड़ा करीब से नहीं जाना इन त्योहारों को, तो आइए आज हम थोड़ा जान ही लेते है होली की कहानी और जानते है इसके बारे में और भी मज़ेदार बातें।
होली (Holi) एक भारतीय और नेपाली लोगों का त्योहार है जिसे हर वर्ष वसंत ऋतु में मनाया जाता है। यह उत्सव हिंन्दू पंचाग के अनुसार फाल्गुन मास की पुर्णिमा के दिन मनाया जाता है। होली, रंगों का त्योहार कहलाने वाला यह उत्सव दो दिन तक खुशियों से मनाया जाता है। भारत से बाहर, विदेश में रह रहे हिंन्दू लोग भी होली को बड़े धूम धाम से मनाते है।
Pic Credit : By इसका मूल अपलोड करने वाला फ़्रेंच Wikipedia पर Nataraja है। - http://www.sscnet.ucla.edu/southasia/Culture/Festivals/Festivim.htmlLe site : http://www.sscnet.ucla.edu/southasia/index.html est une section d'une site universitaire sur la culture indienne.L'image est présente aussi à : http://www.vishwabhavan.org/khholiarticle.htmOriginally from fr.wikipedia; description page is/was here., Public Domain, https://commons.wikimedia.org/w/index.php?curid=1751367
होली
का इतिहास - History Of Holi
होली
भारत का एक प्राचीन
पर्व है जो होली,
होलिका या फिर हालाका
के नाम से जाना जाता
है। वसंत ऋतु में मनाये जाने के कारण इस
पर्व को लोग वंस्तोत्सव
और काम-महोत्सव भी कहते है।
इतिहासकारों
मानते हैं कि आर्यों में
भी होली का प्रचलन था
मगर ज्यादातर यह पर्व पुर्वी
भारत में ही मनाया जाता
था। इस पर्व का
उल्लेख कई पुरातन धार्मिक
पुस्तकों से भी प्राप्त
हुआ है, इनमें सबसे प्रमुख है जैमिनी के
पूर्व मीमांसा-सुत्र व कथा गाह्रा-सुत्र| नारद पुराण व भविष्य पुराण
जैसे प्राचिन हस्तलिपियों और ग्रंथों में
भी इसका उल्लेख पाया गया है।
इसकी
अन्य जानकारी आपको विकिपिडिया पर मिल जायेगी।
दरअस्ल, पहले दिन होलिका को जलाया जाता है, जिसको हम सभी होलिका दहन के नाम से भी जानते है। दुसरे दिन लोग रंगो से खेलते है, एक दुसरे को रंग लगा कर होली मनाते है ढोल बजा कर व आस पास के घरों में जाकर सबको रंग लगाये जाते हैं। इस अवसर पर लोग होली के गीत भी गाते है। माना जाता है कि इस उत्सव में लोग अपनी सभी पुरानी कड़वी बातें भुला कर सबसे दोबारा दोस्ती करते हैं, नाच गाना व ढोल नगाड़ा ये सब दोपहर तक चलता है उसके बाद सभी अपने अपने घर लौट कर नहाकर नये कपड़े पहनते है और एक दुसरे के घरों में जाकर गले मिलते हैं और मिठाइयां खिलाते है।
दोस्तो होली के पिछे तरह तरह की कहानियां जुड़ी हुई है, जैसे कि - राधा और कृष्ण की कथा में भी इसका उल्लेख मिलता है, शिव पार्वती और कामदेव की कथा, प्रह्लाद और होलिका की कथा, कंस और पुतना की कथा, राक्षसी ढुंढी की कथा इत्यादि। होली भारत के सबसे पुराने पर्वों में से एक माना जाता है, कितनी पुरानी है इसके विषय में ठिक जानकारी नहीं है।
यदि आप इन सभी कहानियों को पढना चाहते हैं तो कॉमेंट में बतायें हम जल्द से जल्द आपके लिये यह सभी कहानियां लेकर आयेंगे। दोस्तो होली तो मनायेंगे ही मगर Sefty Points मत भुलना। मैं आपको कुछ Sefty Points बता रहा हूं कृपया अपना ख्याल रखें।
Sefty Points For Holi:
(1) अपने
कपड़ों का विशेष ध्यान
रखें।
(2) अपने
शरीर की त्वचा का
ख्याल रखें, ज्यादा रंग और अंनजान किस्म
के रंगों से दूर रहें।
(3) गहरे
रंग के कपड़े पहनना,
वरना लोग आप के ऊपर
जब पानी की बाल्टी फेंकेंगे
तो एैसा ना हो कि
इज्जत की वाट लग
जाये। 😀
(4) ज्वेलिरी
मत पहनना, चाहे कुछ भी हो जाये।
क्योंकि होली में रंग लगाते समय ध्यान नहीं रहता किसी चिज़ का, मान लो कहीं गिर
गये तो फिर मत
रोना। क्योंकि गहने जब गिरते है
तो वो दोबारा सिर्फ
किस्मत वालो को ही मिलते
है, अरे भई इतने किस्मत
वाले तो मुझे लगते
नहीं आप। चलो कोई बात नहीं मगर ध्यान रखना।
(5) रंग
लगने से पहले अपने
बालों में तेल की मसाज जरुर
करें। इससे आपके बाल सुरक्षित रहेंगे।
(6) यदि
आपके बच्चे हैं तो खुद से
ज्यादा उनका ध्यान दे उनको ज्यादा
रसायनों वाले रंगों से थोड़ा दूर
ही रखें, जैसे कि- हरा, बैंगनी, नारंगी आदि आप उन्हे लाल
या गुलाबी रंग दे सकते है
क्योकि इसमे रसायनों की मात्रा कम
होती है।
(7) आंखो
में में रंग चले जाने पर तुरंत पानी
से धोयें।
धन्यवाद।
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आपको पोस्ट पसंद आई हो तो
अपने मित्र और परिवार वालों
को भी इस पोस्ट
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भी इसकी जानाकारी मिल सके। मुझे फेसबुक पर फ़ोलो और
हमारा ऑफिशियल फेसबुक पेज़ लाइक करना न भुलें। Happy Holi
happy holi dishu ji!
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