परिचय - Introduction To Globalization In Hindi
वैश्वीकरण (Globalization) एक ऐसी समस्या के रूप में सामने आ रही है जिसके कारण समाज में फायदे कम और नुक्सान ज्यादा हो रहे है, आर्थिक वैश्वीकरण ने दुनिया भर की संस्कृतियों के एकीकरण (Integration) पर गहरा प्रभाव डाला है, आज इस आर्टिकल में आप को वैश्वीकरण का इतिहास (History Of Globalization), वैश्वीकरण के प्रभाव (Effects Of Globalization), वैश्वीकरण के फायदे और नुकसान (Advantages Or Disadvantages OF Globalization In Hindi), आदि बताये जायेंगे, इस वेबसाइट पर आप ऐसे ही एजुकेशनल आर्टिकल्स पढ़ सकते है
क्या है वैश्वीकरण? – (What Is Globalization In Hindi)
वैश्वीकरण का शाब्दिक अर्थ स्थानीय या क्षेत्रीय वस्तुओ या घटनाओ के विश्व स्तर पर रूपांतरण की प्रक्रिया है, इस शब्द को एक ऐसी प्रक्रिया का वर्णन करने के लिए किया जा सकता है जिस के द्वारा पुरे विश्व (world) को मिलकर एक समाज बनता है, तथा साथ मिलकर कार्य करते है. यह प्रक्रिया आर्थिक (Economic), सामाजिक (Social) , तकनिकी (Technology) व राजनितिक शक्तियों (Political Powers) का एक सयोंजन है. वैश्वीकरण का प्रयोग अधिकतर आर्थिक वैश्वीकरण (Economic Globalization) के सन्दर्भ में किया जाता है अर्थात व्यापार (Business), विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (Foreign direct investment), पूंजी प्रवाह (Capital Flow) और प्रद्योगिक के प्रसार (Spread Of Trades) के माध्यम से राष्ट्रिय अर्थव्यवस्था (National Economy) और अंतर्राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था (International Economy) का एकीकरण.
वैश्वीकरण (Vaishwikaran) से जुड़े अर्थशास्त्रियों के कुछ तर्क और परिभाषाएं – (Definitions of globalization In hindi):
वैश्वीकरण का इतिहास (History of globalization In Hindi):
इस शब्द “वैश्वीकरण” का उपयोग 1980 से लेकर अर्थशास्त्रियों द्वारा किया जाता है, हालांकि 1960 के दशक में भी इसका उपयोग सामजिक विज्ञान में किया जाता था, लेकिन के दशक के उतरार्ध और 1990 तक इसकी अवधारणा लोकप्रिय नहीं हो पाई. वैश्वीकरण की सबसे पुरानी सैधांतिक अवधारणाओं को उद्दमी से मंत्री बने अम्मेरिकी चार्ल्स तेज़ रसेल (Charles Taze Russell) द्वारा लिखा गया, जिन्होंने 1897 में शब्द “corporate giants” (कॉर्पोरेट दिग्गजों) की रचना की.
वैश्वीकरण एक ऐसी प्रक्रिया है जो मानव जनसँख्या (Human Population) और सभ्यता (Civilization) के विकास पर अपनी नज़र रखती है, वैश्वीकरण के रूप “रोमन साम्राज्य, पार्थियन (Parthian), हान राजवंश (Han Dynasty) के समय में भी पाया जाता है इसकी शुरुआत बहुत पहले ही हो चुकी थी,
लेखक के शब्द (Words Of Writer)
दोस्तों मैं हूँ आपका दोस्त और इस वेबसाइट का ओनर (Panwer Dishu), वैसे तो वैश्वीकरण का इतिहास भी काफी लम्बा और गहरा है मैं चाहता हूँ की आपको जरुर बताओं मगर इस पोस्ट में हम सिर्फ उन मुद्दों पर ही बात करेंगे जो आपके पढने के योग्य है और आपको जरुर पढ़ लेना चाहिए इसके पुरे इतिहास पर अगर आप जानकारी चाहते है तो कृपया मुझे ईमेल करके बताएं मैं इसके पुरे इतिहास पर एक नई पोस्ट लिखकर इसी वेबसाइट में प्रकाशित करूंगा. और भी अगर कोई समस्या या मांग हो किसी आर्टिकल की तो आप ईमेल के द्वारा बता सकते है मैं जल्द से जल्द ही आपको वो पोस्ट प्रोवाइड करवाता हूँ, मेरी ईमेल आई डी है Panwerdishu@gmail.com. अगर आप को लगता है की यह वेबसाइट देश के बच्चों का भविष्य बना सकती है तो आप हमे Financially भी support कर सकते है आप INR 100-1000 कोई भी राशी हमे paytm के द्वारा डोनेट कर सकते है हमारा paytm नंबर है “9816429509” thank you.
वैश्वीकरण के कुछ पहलु जो दुनिया को विभिन्न प्रकार से प्रभावित कर रहे है जैसे की:
तो इस आर्टिकल के माध्यम से आपने आज www.imdishu.com पर वैश्वीकरण के बारे में पढ़ा, अभी इस आर्टिकल में और भी बहुत सी चीज़ें छोड़ दी गयी है, हम वो सब कुछ एक नई पोस्ट के माध्यम से आप तक पहुंचाएंगे ईमेल पर पाने के लिए आप हमारी इस वेबसाइट के “Newsletters” को सब्सक्राइब भी कर सकते है.
वैश्वीकरण (Globalization) एक ऐसी समस्या के रूप में सामने आ रही है जिसके कारण समाज में फायदे कम और नुक्सान ज्यादा हो रहे है, आर्थिक वैश्वीकरण ने दुनिया भर की संस्कृतियों के एकीकरण (Integration) पर गहरा प्रभाव डाला है, आज इस आर्टिकल में आप को वैश्वीकरण का इतिहास (History Of Globalization), वैश्वीकरण के प्रभाव (Effects Of Globalization), वैश्वीकरण के फायदे और नुकसान (Advantages Or Disadvantages OF Globalization In Hindi), आदि बताये जायेंगे, इस वेबसाइट पर आप ऐसे ही एजुकेशनल आर्टिकल्स पढ़ सकते है
क्या है वैश्वीकरण? – (What Is Globalization In Hindi)
वैश्वीकरण का शाब्दिक अर्थ स्थानीय या क्षेत्रीय वस्तुओ या घटनाओ के विश्व स्तर पर रूपांतरण की प्रक्रिया है, इस शब्द को एक ऐसी प्रक्रिया का वर्णन करने के लिए किया जा सकता है जिस के द्वारा पुरे विश्व (world) को मिलकर एक समाज बनता है, तथा साथ मिलकर कार्य करते है. यह प्रक्रिया आर्थिक (Economic), सामाजिक (Social) , तकनिकी (Technology) व राजनितिक शक्तियों (Political Powers) का एक सयोंजन है. वैश्वीकरण का प्रयोग अधिकतर आर्थिक वैश्वीकरण (Economic Globalization) के सन्दर्भ में किया जाता है अर्थात व्यापार (Business), विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (Foreign direct investment), पूंजी प्रवाह (Capital Flow) और प्रद्योगिक के प्रसार (Spread Of Trades) के माध्यम से राष्ट्रिय अर्थव्यवस्था (National Economy) और अंतर्राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था (International Economy) का एकीकरण.
वैश्वीकरण (Vaishwikaran) से जुड़े अर्थशास्त्रियों के कुछ तर्क और परिभाषाएं – (Definitions of globalization In hindi):
- टॉम जी. पामर (Tom G. Palmer) के अनुसार “ सीमाओं के पार विनिमय (Exchange) पर राज्य प्रतिबंधों ह्रास या विलोपन (Decrease or extinction of sanctions) और इसके परिणाम स्वरूप उत्पन्न हुआ उत्पादन और विनिमय का तीव्र एकीकृत और जटिल विश्व स्तरीय तंत्र”. ये अर्थशास्त्रियों के द्वारा दी गयी सामन्य परिभाषा है, अक्सर श्रम के विभाजन (Division of labor) के विश्व स्तरीय विस्तार के रूप में अधिक साधारण रूप से परिभाषित किया जाता है.
- थोमस एल. फ्राइडमैन (Thomas L. Friedman) के अनुसार “दुनिया के सपाट होने के प्रभाव की जाँच करता है” और यह तर्क देता है की वैश्वीकृत व्यापार (globalized trade), आउटसोर्सिंग (Outsourcing), आपूर्ति के श्र्न्खलन (Supply chaining), और राजनितिक बलों के दुनिया को बेहतर और बदतर दोनों दोनों रूपों में बदल दिया है.
- नोअम चोमस्की के अनुसार “सैधांतिक रूप में विश्वीकरण शब्द का उप्योग, आर्थिक वैश्वीकरण के नव-उदार के रूप में वर्णन करने में किया जाता है.
- “वैश्वीकरण” का अर्थ है आर्थिक प्रयोजनों के लिए राष्ट्रिय सीमाओं का विलोपन; अंतर्राष्ट्रीय व्यापार (तुलनात्मक लाभ (Comparative advantage) द्वारा शासित, अंतर क्षेत्रीय व्यापार बन जाता है.
वैश्वीकरण का इतिहास (History of globalization In Hindi):
इस शब्द “वैश्वीकरण” का उपयोग 1980 से लेकर अर्थशास्त्रियों द्वारा किया जाता है, हालांकि 1960 के दशक में भी इसका उपयोग सामजिक विज्ञान में किया जाता था, लेकिन के दशक के उतरार्ध और 1990 तक इसकी अवधारणा लोकप्रिय नहीं हो पाई. वैश्वीकरण की सबसे पुरानी सैधांतिक अवधारणाओं को उद्दमी से मंत्री बने अम्मेरिकी चार्ल्स तेज़ रसेल (Charles Taze Russell) द्वारा लिखा गया, जिन्होंने 1897 में शब्द “corporate giants” (कॉर्पोरेट दिग्गजों) की रचना की.
वैश्वीकरण एक ऐसी प्रक्रिया है जो मानव जनसँख्या (Human Population) और सभ्यता (Civilization) के विकास पर अपनी नज़र रखती है, वैश्वीकरण के रूप “रोमन साम्राज्य, पार्थियन (Parthian), हान राजवंश (Han Dynasty) के समय में भी पाया जाता है इसकी शुरुआत बहुत पहले ही हो चुकी थी,
लेखक के शब्द (Words Of Writer)
दोस्तों मैं हूँ आपका दोस्त और इस वेबसाइट का ओनर (Panwer Dishu), वैसे तो वैश्वीकरण का इतिहास भी काफी लम्बा और गहरा है मैं चाहता हूँ की आपको जरुर बताओं मगर इस पोस्ट में हम सिर्फ उन मुद्दों पर ही बात करेंगे जो आपके पढने के योग्य है और आपको जरुर पढ़ लेना चाहिए इसके पुरे इतिहास पर अगर आप जानकारी चाहते है तो कृपया मुझे ईमेल करके बताएं मैं इसके पुरे इतिहास पर एक नई पोस्ट लिखकर इसी वेबसाइट में प्रकाशित करूंगा. और भी अगर कोई समस्या या मांग हो किसी आर्टिकल की तो आप ईमेल के द्वारा बता सकते है मैं जल्द से जल्द ही आपको वो पोस्ट प्रोवाइड करवाता हूँ, मेरी ईमेल आई डी है Panwerdishu@gmail.com. अगर आप को लगता है की यह वेबसाइट देश के बच्चों का भविष्य बना सकती है तो आप हमे Financially भी support कर सकते है आप INR 100-1000 कोई भी राशी हमे paytm के द्वारा डोनेट कर सकते है हमारा paytm नंबर है “9816429509” thank you.
वैश्वीकरण के कुछ पहलु जो दुनिया को विभिन्न प्रकार से प्रभावित कर रहे है जैसे की:
- आर्थिक (Economic) - माल (Goods) और पूंजी के विनिमय की स्वतंत्रता के आधार पर एक वैश्विक साझा बाजार की.
- राजनितिक (Political) – राजनैतिक वैश्वीकरण विश्व सरकार का एक ऐसा गठन है जो दो या दो से अधिक राष्टों के बिच संबध का नियमन करता है और सामजिक और आर्थिक वैश्वीकरण के द्वारा उत्पन्न होने वाले अधिकारों की गारंटी देता है. इसका अच्छा खासा फायदा और आनंद संयुक्त राज्य अमेरिका (United States America) ने उठाया उठाया है ऐसा इसकी प्रबल और संपन्न अर्थवयवस्था के कारण है.
- सूचनात्मक – इस प्रक्रिया में तार्किक रूप से फाइबर ऑप्टिक (Fiber Optic), टेलीफोन, इन्टरनेट(Internet), सटेलाईट (satellite), कंप्यूटर आदि के आगमन से अर्थव्यवस्था और जीवन के रहन-सहन में काफी बदलाव आये.
- सांस्कृतिक – इससे पार-सास्कृतिक सम्पर्को की वृद्धि; चेतना (Consciousness) की नयी श्रेणियो का अवतरण और पहचान आदि शामिल है, इससे लोगो के मन में विदेशी भाषा के प्रति प्रेम, उपभोग, रहना- खाना पीना आदि के लिए अच्छा उत्पन्न हुयी.
तो इस आर्टिकल के माध्यम से आपने आज www.imdishu.com पर वैश्वीकरण के बारे में पढ़ा, अभी इस आर्टिकल में और भी बहुत सी चीज़ें छोड़ दी गयी है, हम वो सब कुछ एक नई पोस्ट के माध्यम से आप तक पहुंचाएंगे ईमेल पर पाने के लिए आप हमारी इस वेबसाइट के “Newsletters” को सब्सक्राइब भी कर सकते है.
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