Posted By : #DishuPanwer
अभी कुछ दिन पहले ही घर वापिस आया था कि गर्मी ने परेशान कर दिया। खैर कोई बात नहीं हमारा गांव मांगल भी स्वर्ग है जहां पर गर्मी में भी रहा जा सकता है। ये एैसी जगह है जहां पर दिल को सुकुन सा मिलता है। मैं कई साल अपने घर से बाहर भी रहा लेकिन जो मज़ा अपने गांव/घर में रहने में है वो कहीं और नहीं मिल सकता।
आज 22 जुलाई 2017 , मौसम सुहाना लेकिन बारिश लगी है सुबह से। तकरिबन 10:00Am पर बारिश बंद हो गयी और मैं अपने भाई के साथ बाईक पर घुमने निकल पड़ा। अब घुमने कहां जाउंगा ? नहीं नहीं ज्यादा दुर तो नहीं लेकिन पास में ही गया कंधर में जहां पर GSSS MANGAL स्कुल भी है , अरे वही स्कुल जहां पर मैंने 12 सालों तक पढ़ाई की थी। हां
चलते चलते स्कुल की यादें भी ताज़ा हो गयी , अब थोड़ा आगे चलते हैं मैं पहूंचा हूं कंधर से आगे बेरल वाली सड़क से , कैंची के पास जहां से मेरा घर भी सामने दिखता है। लो जी सेल्फी का जमाना है लिखकर क्या बताना खुद ही देख लो।
ओ आरा भाई जी ये सीन तां बदिया आ , हाना ? हरी भरी घास तै बरखा री बजह ते नमी। अरा मज़ा आई गयी एस गर्मी आ जे बी। एेडे मजे कैथी हुणे भला ? आई जाओ घुमणे अस्सां रे देशा भी। 😀♥ देख्या नी मांगला रा नजारा ?
देखी लौ , थोड़ा थोड़ा कोलडैमा रा नजारा बी लगुरा दिसणे , ते एस पेजा रे लास्टा जे देख्यो बदिया जी विडियो से जे सुट करुंई एस फोटुआ पर।
आंउ दिस्या ? कि अजा नजर नी गयी ? देखो देखो मैं भी बदिया लगेरुआं 😝 ते चलो एबे तुसा जो एक फोटू दस्सुं , तेते जे मेरा घर भी दिख्यो।
एे देखो , पर छोटा जा ई दिसणा 😀 बड़ी दुरा ते लउरा फोटू , पता नी दिसणा बी के नइ दिसणा।
थोड़ी यादें बचपन की :
इस गांव से ही मेरी बचपन की यादें जुड़ी है जिन्हे मैंने आज भी संजो कर रखा है तो चार लाइने बचपन की याद में :
काश मैं लौट जांउ
बचपन की उन्ही हसीन वादियों में ए जिंदगी
जहां ना कोई अपना था ना कोई पराया
ना मुझे किसी की परवाह थी ना कोई जरुरत।
मुझे वहीं वापिस ले चल एै खुबसुरत जिंदगी
मुझे वहीं वापिस ले चल
तो ये थी थोड़ी सी जर्नी , अपने घर से घर तक 😀 अब शेअर करना चाहो तो उपर एड्रैस बार से लिंक कॉपी करके सबसे शेअर करो।
मेरे बारे में और भी बहुत कुछ पढ़ने के लिये वेबसाइट के होमपेज़ पर जायें। अगर आप भी मेरी वेबसाइट पर कुुछ शेअर करना चाहते हैं जैसे : फोटो , विडियो , कहानी , कविता , शायरी , जोक्स आदि तो कृपया मुझे ई-मेल करके बताएं मेरी ई-मेल आईडी है Panwerdishu@gmail.com
और मुझे वटसएप पर मैसेज़ भेजें +919816429509 पर।
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अभी कुछ दिन पहले ही घर वापिस आया था कि गर्मी ने परेशान कर दिया। खैर कोई बात नहीं हमारा गांव मांगल भी स्वर्ग है जहां पर गर्मी में भी रहा जा सकता है। ये एैसी जगह है जहां पर दिल को सुकुन सा मिलता है। मैं कई साल अपने घर से बाहर भी रहा लेकिन जो मज़ा अपने गांव/घर में रहने में है वो कहीं और नहीं मिल सकता।
आज 22 जुलाई 2017 , मौसम सुहाना लेकिन बारिश लगी है सुबह से। तकरिबन 10:00Am पर बारिश बंद हो गयी और मैं अपने भाई के साथ बाईक पर घुमने निकल पड़ा। अब घुमने कहां जाउंगा ? नहीं नहीं ज्यादा दुर तो नहीं लेकिन पास में ही गया कंधर में जहां पर GSSS MANGAL स्कुल भी है , अरे वही स्कुल जहां पर मैंने 12 सालों तक पढ़ाई की थी। हां
चलते चलते स्कुल की यादें भी ताज़ा हो गयी , अब थोड़ा आगे चलते हैं मैं पहूंचा हूं कंधर से आगे बेरल वाली सड़क से , कैंची के पास जहां से मेरा घर भी सामने दिखता है। लो जी सेल्फी का जमाना है लिखकर क्या बताना खुद ही देख लो।
ओ आरा भाई जी ये सीन तां बदिया आ , हाना ? हरी भरी घास तै बरखा री बजह ते नमी। अरा मज़ा आई गयी एस गर्मी आ जे बी। एेडे मजे कैथी हुणे भला ? आई जाओ घुमणे अस्सां रे देशा भी। 😀♥ देख्या नी मांगला रा नजारा ?
Dishu Panwer |
थोड़ी यादें बचपन की :
इस गांव से ही मेरी बचपन की यादें जुड़ी है जिन्हे मैंने आज भी संजो कर रखा है तो चार लाइने बचपन की याद में :
काश मैं लौट जांउ
बचपन की उन्ही हसीन वादियों में ए जिंदगी
जहां ना कोई अपना था ना कोई पराया
ना मुझे किसी की परवाह थी ना कोई जरुरत।
मुझे वहीं वापिस ले चल एै खुबसुरत जिंदगी
मुझे वहीं वापिस ले चल
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